आओ, ख़ुद देख लो 18: नूर या अंधेरा? अंधे की शफ़ा
बख़्तुल्लाह
अंधे की शफ़ा (इंजील, यूहान्ना 9)
नूर ख़ुदा का काम ज़ाहिर करता है।
नूर आँखें खोल देता है।
नूर खलबली मचा देता है।
नूर शक में डाल देता है।
नूर डाँवाँडोल कर देता है।
नूर शरीअत की क़ैद से आज़ाद कर देता है।
नूर की मनज़िल : परस्तिश।
नूर या अंधेरा?।
इंजील, यूहन्ना 9