मोमिन का सफ़र
जॉन बन्यन
मोमिन नजात की तलाश में घर से निकलता है। कई-एक रुकावटें, दुश्मन और आज़माइशें उसे रोकने खड़ी हो जाती हैं। क्या वह आसमानी शहर तक पहुँचेगा?
यह किताब जो 1678 में पहली बार छप गई आज तक हत्थों हाथ बिकती आई है।
मोमिन नजात की तलाश में घर से निकलता है। कई-एक रुकावटें, दुश्मन और आज़माइशें उसे रोकने खड़ी हो जाती हैं। क्या वह आसमानी शहर तक पहुँचेगा?
यह किताब जो 1678 में पहली बार छप गई आज तक हत्थों हाथ बिकती आई है।