जमात की राहनुमाई
बख़्तुल्लाह ख़ान
जमात की तरक़्क़ी के लिए सहीह राहनुमाई की अशद ज़रूरत होती है। सहीह राहनुमाई से जमात फलती-फूलती है जबकि ग़लत राहनुमाई से जमात को नुक़सान पहुँचता है।
हम किस तरह जमात की सहीह राहनुमाई करें? तौरेत और इंजीले-शरीफ़ में राहनुमाई के छ: नमूने पेश किए जाते हैं। जो इन पर चले उसे जमात की राहनुमाई में कामयाबी हासिल होगी।